दक्षिण अफ्रीका में दंगा: प्रवासी भारतीयों की दुकानों और घरों को लूट रहे उपद्रवी, जानिए क्यों

दक्षिण अफ्रीका में दंगा: प्रवासी भारतीयों की दुकानों और घरों को लूट रहे उपद्रवी, जानिए क्यों

नई दिल्ली।

दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के बाद से भडक़ी हिंसा में भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाया जा रहाहै। उनके घरों और दुकानों को लूटाजा रहा है। हिंसा में अब तक 72 लोग मारे जा चुके हैं।

भारतीय मूल के लोग सोशल मीडिया पर भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। देश में 14 लाख से अधिक भारतीय हैं। जुमा के समर्थकों को लगता है कि जुमा के जेल जाने के पीछे भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं के भ्रष्टाचार का हाथ है। इसीलिए उन्हें अधिक निशाना बनाया जा रहा है।

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पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को शीर्ष अदालत की ओर से 15 माह जेल की सजा के बाद देश में हिंसा की घटनाएं भडक़नी शुरू हुई। जुमा भी जुलू मूल के हैं। जुलू राजा काज्वेलिथिनी ने वाजुलू नटाल प्रांत के लोगों से भारतवंशियों के साथ शांति से रहने की अपील की है।

ये शर्त भी रखी कि विदेश मंत्री बनने पर उन्हें गुप्ता परिवार की सारी बातें माननी होंगी। स्थानीय लोकपाल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि गुप्ता बंधु व जैकब जुमा ने सरकारी अनुबंधों के लिए एक-दूसरे की मदद की है।

2017 में एक लाख से अधिक ईमेल लीक हुए, जिनमें ब्योरा था कि किस प्रकार गुप्ता परिवार ने अपना प्रभुत्व दिखाकर दक्षिण अफ्रीका के खजाने और उसके संसाधनों को जमकर लूटा। गुप्ता परिवार का संबंध यूपी के सहारनपुर से है। ये तीन भाई हैं, अतुल, राजेश व अजय गुप्ता। 1990 के दशक में ये दक्षिण अफ्रीका गए। कंम्पयूटर के व्यापार से शुरू होकर खनन, तकनीकी कंपनियों, मीडिया यहां तक सरकार को भी अपने नियंत्रण में ले लिया। जुमा के कार्यकाल के दौरान इन पर घोटालों के आरोप लगते रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका सरकार इंटरपोल से इस परिवार के खिलाफ रेड नोटिस मांग रही है। माना जाता है कि ये यूएई में कहीं छिपकर बैठे हैं।

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भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मसले पर चिंता जताई और दक्षिण अफ्रीका से बात की है। उनकी समकक्ष नलेदी पंडोर की तरफ से भारतीयों की सुरक्षा का भरोसा दिया गया है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठकों में शामिल होने के लिए तजाकिस्तान दौरे पर गए जयशंकर ने ट्वीट किया कि दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था को लागू करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।