बजट 2018: उद्यमियों ने कहा - ढांचागत क्षेत्रों में निवेश से अर्थव्‍यवस्‍था को मिलेगी मजबूती

बजट 2018: उद्यमियों ने कहा - ढांचागत क्षेत्रों में निवेश से अर्थव्‍यवस्‍था को मिलेगी मजबूती

यह बजट चुनावी बजट होते हुए भी ढांचागत विकास पर केन्द्रित है। इसलिए यह अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने वाला साबित होगा।

नई दिल्‍ली. वर्ष 2018-19 के बजट को लेकर उद्यमियों की प्रतिक्रियाएं सकारात्‍मक हैं। कराधान और जीएसटी स्‍लैब में अनुकूल बदलाव न होने के बावजूद सरकार ने जिस तरह से ग्रामीण, गरीब और किसानों के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास पर जोर दिया है उससे प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष दोनों तरीके से अर्थव्‍यवस्‍था को गति देने वाला साबित होगा। हालांकि ये बात भी सही है कि नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को इस बजट से निराशा हाथ लगी है तो कुछ मामलों में कारोबारियों को भी झटका लगा है।

ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती मिलेगी
थॉमसन रायटर्स दक्षिण एशिया के साइड बिजनेस हेड अनिरुद्ध चटर्जी का कहना है कि बजट 2018 से कृषि क्षेत्र में ऋणों की उपलब्‍धता और निवेश को बढ़ावा मिलने से ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती मिलेगी। बजट में ढांचागत विकास पर भी जोर दिया गया है। बजट में लॉंग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (एलटीसीजीटी) की वापसी कोई अप्रत्‍याशित नहीं है लेकिन उच्‍च मूल्‍य स्‍तर के निवेशक इसका स्‍वागत नहीं करेंगे। इसको लेकर एक डर यह भी है कि इससे अल्‍प समय के लिए निवेश को झटका लगेगा।

रिएल एस्‍टेट कारोबार में आएगी तेजी
सेठ ग्रुप के सीएमडी अश्विन सेठ का कहा है कि किफायती आवास योजना पर जोर देने से रिएल एस्‍टेट कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही हर गरीब को 2022 तक आवास मुहैया कराने का सपना हकीकत में बदल सकता है। मुम्‍बई सबरबन रेल केनेक्टिविटी योजना से मुम्‍बई व उसके आसपास के क्षेत्रों में आसावीय व व्‍यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को फंड मुहैया कराने का ऐलान सरकार ने बजट में किया है। रेल और सड़कों के विकास पर जोर देने से सैटेलाइट और कस्‍बाई शहरों में भी विकास को बढ़ावा मिलेगा। स्‍मार्ट सिटी परियोजनाओं से लोगों का लिविंग स्‍टैंडर्ड में इजाफा होगा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस बजट से देश के सभी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ावा
पीडब्‍लूसी इंडिया इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के पार्टनर और लीडर मनीष अग्रवाल का कहना है कि ढांचागत क्षेत्र में 50 लाख करोड़ के निवेश से रोड, रेल और शहरी सुविधाओं में तेजी आएगी। हवाई अड़डों की क्षमताओं में वृद्धि होगी और निजी सेक्‍टर को बढ़ावा मिलने से विकास को और तेजी से बढ़ावा मिलेगा।

बिटक्‍वाइन को झटका
एलएलपी के पार्टनर और सलाहाकर संजय अग्रवाल मानते हैं कि सरकार ने बजट प्रस्‍ताव में बिटक्‍वाइन को चलन से बाहर करने का स्‍पष्‍ट संकेत दिया है। साथ ही इससे साफ हो गया है कि सरकार यह मानती है कि इसका उपयोग गैरकानूनी मकसद से भी हो रहा है। ऐसे में बिटक्‍वाइन को नकारात्‍मक कराधान और कारोबारी समस्‍याओं से जूझना पड़ेगा जो उसके विस्‍तार के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

करदाता निराश
रैंसकॉम डेवलपर्स की सरोजिनी अहूजा का कहना सरकार ने महिलाओं की आय को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं तो टैक्‍सदाताओं को बजट में राहत नहीं दी है। साथ ही लॉंग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 फीसद का अधिभार भी लगा दिया है, जो निवेशकों और करदाताओं को निराश करने वाला है।

आवास योजना हो सकता है साकार
ओमकार रियलटर्स एंड डेवलपर्स के मनोज पालीवाल का कहना है कि हाउसिंग फार ऑल 2022 सरकार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है। यह बजट उस सपने को पूरा करने वाला साबित होगा। इसके लिए सरकार ने बजट आवंटन कर हाउसिंग स्‍कीम को रफ्तार को देने की कोशिश की है। बड़े पैमाने पर बजट आवंटन से साफ हो गया है कि सरकार इस योजना को लेकर गंभीर है और यह केवल चुनावी जुमला नहीं है। लेकिन जीएसटी स्‍लैब में चेंज न होने से होम बायर्स को अब और अतिरिक्‍त लाभ नहीं मिल पाएगा।

 

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