बजट 2018 : हवाई परिवहन को मध्यमवर्ग के लिए सुलभ बनाने का लक्ष्य, बुनियादी ढांचा बढ़ाने पर जोर

बजट 2018 : हवाई परिवहन को मध्यमवर्ग के लिए सुलभ बनाने का लक्ष्य, बुनियादी ढांचा बढ़ाने पर जोर

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में बताया कि घरेलू हवाई यात्री परिवहन में प्रतिवर्ष 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली : आर्थिक विशेषज्ञ पहले से ही यह उम्मीद कर रहे थे कि इस बार का बजट चुनावी बजट होगा, क्योंकि इस पूर्ण बजट के बाद अगले आम बजट तक कोई और पूर्ण बजट नहीं आना है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि हर वर्ग के लिए इसमें जरूर कुछ न कुछ खास होगा। इसी के मद्देनजर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में किसानों और मध्य वर्ग को साधने का पूरा प्रयास किया है। मध्यवर्ग को साधने के लिए उन्होंने इस बार के बजट में हवाई परिवहन को छोटे शहरों और मध्यम वर्ग के पॉकेट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने पर्यटन और आपातकालीन चिकित्सा देखभाल को प्रोत्साहन देने के लिए सी-प्लेन गतिविधियों में निवेश को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में हवाई परिवहन और सी-प्लेन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने की घोषणा की।

हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुना विस्तार का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में नागर विमानन क्षेत्र में हवाई अड्डा क्षमता में पांच गुना विस्तार के लिए एक साल में करीब एक अरब आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए एक नई पहल ‘नाभ निर्माण’ की घोषणा की। इस विस्तार को भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू हवाई यात्री परिवहन में प्रतिवर्ष 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि ऐसे शहरों को जहां अभी सेवाएं नहीं है, उनका लक्ष्य क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के माध्यम से देशभर में 56 हवाई अड्डों और 31 हैलीपैडों को जोडऩे का है। इनमें से 16 हवाई अड्डों पर संचालन पहले से ही शुरू किया जा चुका है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण से मिल गया था संकेत
इससे पहले बजट सत्र की शुरुआत में सरकार के एजेंडे के बारे में जब राष्ट्रपति ने अभिभाषण दिया था तभी इस बात के संकेत मिल गए थे कि इस बार सरकार की प्राथमिकता में हवाई परिवहन और मध्यवर्ग रहेगा। महामहिम ने संसद के दोनों सत्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश के छोटे शहर हवाई मार्ग से जुड़ सकें और निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और युवा कम खर्च पर, आसानी से हवाई यात्रा का लाभ उठा सकें, इसके लिए ‘उड़े देश का आम नागरिक’ यानी, ‘उड़ान’ योजना शुरू की गई है। स्वतंत्रता के बाद देश में जहां केवल 76 हवाई अड्डे ही वाणिज्यिक उड़ानों से जुड़े थे, वहीं ‘उड़ान’ योजना के तहत मात्र 15 महीनों में 56 हवाई अड्डों और 31 हेलीपैडों को जोडऩे के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक 16 ऐसे हवाई अड्डों से उड़ानें शुरू भी हो चुकी हैं। इन योजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।

 

 

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