बजट से केजरीवाल निराश, कहा- दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार, नहीं दिया कुछ
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "मैंने राष्ट्रीय राजधानी में कुछ आधारभूत परियोजनाओं के लिए कुछ वित्तीय सहायता की उम्मीद की थी।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि वह केंद्रीय बजट से निराश हैं और भाजपानीत केंद्र सरकार ने 'दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार' जारी रखा है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "मैंने राष्ट्रीय राजधानी में कुछ आधारभूत परियोजनाओं के लिए कुछ वित्तीय सहायता की उम्मीद की थी। मैं बहुत निराश हूं कि केंद्र ने दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार जारी रखा है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बजट को 'निराशाजनक' बताया और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दिल्ली के नागरिकों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक के तौर पर व्यवहार करती है।
जाहिर की नाखुशी
कई सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने बजट के प्रति अपनी नाखुशी जाहिर की। उन्होंने अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की योजना की घोषणा न करने और शहर में वायु प्रदूषण से मुक्ति के लिए इलेक्ट्रिक बस आवंटित न करने पर निराशा जाहिर की। इस बात का ध्यान दिलाते हुए कि दिल्ली में जमीन केंद्र सरकार के अंतर्गत है, उन्होंने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की किसी योजना की घोषणा नहीं की गई और ना ही दिल्ली सरकार को क्लिनिक, स्कूल, अस्पताल और बस डिपो बनाने के लिए और जमीन दी गई। सिसोदिया ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अंतर्गत आती है। इसके बावजूद भी अपराध को नियंत्रित करने और महिलाओं की सुरक्षा, जिसने दिल्ली को भारत की अपराध राजधानी बनाया है, पर किसी योजना की घोषणा नहीं की गई। बहुत ही निराशाजनक।
दिल्ली को नहीं मिला कुछ
सिसोदिया ने कहा कि वर्ष 2001-02 के बाद केंद्रीय कर में दिल्ली के हिस्से में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। यह अभी भी 325 करोड़ रुपये पर ठहरी हुई है। भारत में किसी भी अन्य राज्य के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता। भाजपा सरकार दिल्ली के निवासी को दूसरे दर्जे का नागरिक समझती है।
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