#SpeakUP 'ड्रीम' ही बन कर रह गईं सांसद, नहीं दिला पाईं बिजली

#SpeakUP 'ड्रीम' ही बन कर रह गईं सांसद, नहीं दिला पाईं बिजली
आदेश तो 24 घंटे लाइट के हैं लेकिन 8-10 घंटे आ जाए तो भी बहुत है। जनता इसकी वजह जनप्रतिनिधियों की कमजोर इ्च्छा शक्ति बताती है।

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मथुरा। उत्तर प्रदेश में बिजली की भारी कटौती के चलते लोग बेहाल हैं। सरकार बिजली व्यस्था को दुरुस्त करने के दावे करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जिन शहरों में 24 घंटे लाइट देने के आदेश हैं वहां भी 8-10 घंटे लाइट आती है। धार्मिक नगरी मथुरा में भी 24 घंटे लाइट देने का सरकारी आदेश है लेकिन यहां हालात बेहद खराब हैं। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर एक तरफ यूपी सरकार के प्रति गुस्सा है वहीं स्थानी सांसद हेमा मालिनी के प्रति भी नाराजगी है।

क्या है सरकारी आदेश
बता दें कि मथुरा सहित सभी धार्मिक स्थलों को 24 घंटे बिजली मुहैया करने की बात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही थी। चार साल से ऊपर बीत जाने के बाद भी सीएम के इस आदेश पर अमल नहीं हो पाया है। सीएम के आदेश के बावजूद यहां 8-10 ही घंटे ही लाइट आती है, बेतहाशा बिजली कटौती और अनिश्चित टाइमिंग की वजह से लोग परेशान हैं।  

पर्यटन पर पड़ा असर
मथुरा-वृंदावन व आस पास का क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। खराब लाइट व्यवस्था से पर्यटन व्य़वसाय पर बुरा असर पड़ा है। पर्यटकों की संख्य में लगातार कमी आ रही है। लाइट न होने की वजह से शाम होते ही शहर की सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। इससे पर्यटक असुरक्षित महसूस करते हैं। इसके अलावा लाइट की कटौती के चलते कई होटलों में भी सही सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। लिहाजा पर्यटक अब मथुरा-वृंदावन में नाइट स्टे करने की वजाय दिल्ली वापस लौट जाना पसंद करता है।

स्थानीय लोग बेहाल
बिजली कटौती पर बात करते हुए फैक्ट्री संचालक रमेश चंद कहते हैं कि बिजली न आने से बेहाल हैं। छोटे बच्चे भी गर्मी के चलते सो नहीं पा रहे हैं और बिना नहाये ही उन्हें स्कूल जाना पड़ता है। बिजली न आने के चलते लोगों के घरों में लगे एसी और कूलर शोपीस बने नजर आ रहे हैं। इन्वर्टर ने भी काम करना बंद कर दिया है महिलाएं अपने हाथों के पंखों से बच्चों की हवा कर सुलाते थक जाती हैं। मुकेश कहते हैं कि बिजली कटौती के चलते रात के अंधेरे में मोमबत्ती की रौशनी में काम करने को मजबूर हैं, फैक्ट्रियों का बुरा हाल है। बिजली आपूर्ति न मिलने से मशीनें बंद पड़ी हैं काम हो नहीं पा रहा है। मांट विधानसभा में कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली के खम्बे तो हैं पर लाइट ही नही हैं।

'ड्रीम गर्ल' ड्रीम ही बन कर रह गईं सांसद
मथुरा के लोगों को सांसद हेमा मालिनी से बिजली की समस्या को सुधारने की उम्मीदें थीं, मगर वो भी अब खत्म हो गईं।
मथुरा के लोगों का कहना है कि सांसद मथुरा में रहती ही नहीं हैं। जनपद का क्या हाल है उनको कोई मतलब नहीं। अब तो हेमा मालिनी कब मथुरा आकर चली जाती हैं यह भी नहीं पता चल पाता।