आपकी बात, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद लोग लापरवाह क्यों हो गए हैं?

आपकी बात, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद लोग लापरवाह क्यों हो गए हैं?

सख्ती करे प्रशासन
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद भी लोगों के लापरवाह होने का प्रमुख कारण प्रशासन तंत्र की ढिलाई है। प्रथम लहर के बाद भी लोगों ने ऐसे ही लापरवाही बरती थी, जिसके परिणामस्वरूप दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई। अब दूसरी लहर पर लगभग काबू पाने के बाद शिक्षण संस्थानों को छोड़ शेष सभी क्षेत्रों को लगभग अनलॉक कर दिया गया है। इसका गलत फायदा उठाते हुए लोगों ने एक बार फिर से लापरवाही बरतनी चालू कर दी है। न तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और न ही मास्क का उपयोग हो रहा है। लोग यह सोच रहे हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद उन्हें कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए बाजारों, धार्मिक स्थलों और हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है। फिर भी सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं। प्रशासनिक तंत्र को कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे, वरना देश में तीसरी लहर की भयावह स्थिति जल्द ही देखने को मिलेगी।
-मुरली मनोहर पुरोहित, बीकानेर
................................

खतरा अभी टला नहीं
टीका लगवा लेने के बाद लोग अतिविश्वासी हो गए हैं कि अब वे कोरोना संक्रमण की चपेट में कभी नहीं आ सकते हैं। लॉकडाउन की अवधि समाप्त होते ही सभी पर्यटन स्थल खुल गए। लोगों ने भी मास्क पहनने और दो गज की दूरी बनाये रखने के जरूरी नियम को ताक पर रखकर बेखौफ पर्यटन- स्थलों पर जाना शुरू कर दिया। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भीषण त्रासदी झेल लेने के बाद प्रशासन को भी तीसरी लहर से बचाव के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। भीड़ वाली जगहों जैसे - माल , सिनेमाघर और पर्यटन स्थलों को अभी बंद ही रखना चाहिए। सावधानी और सतर्कता बरतना अब भी जरूरी है, क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है। यह समय तीसरी लहर की बड़ी तबाही आने से पहले की शांति है। बचाव के नियमों का पालन करना अब भी उतना ही जरूरी है, जितना दो महीने पहले था। लोग लापरवाही न बरतें।
-विभा गुप्ता,बैंगलूरु
...............................

तीसरी लहर की आशंका
अभी देश के कुछ राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण कम नहीं हुआ है। ऐसे समय में पर्यटक स्थल, धार्मिक स्थल और बाजारों में उमड़ी भीड़ ने तीसरी लहर के प्रति और चिंता बढ़ा दी है। माना कि पिछले एक-डेढ़ साल से लोग घरों में रहने के कारण परेशान हैं और अवसाद से घिर गए हैं, परन्तु अभी इस तरह की लापरवाही उचित नहीं है। दूसरी लहर का कहर असहनीय था। लोगों को अहसास होना चाहिए कि बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है, बहुत से बच्चे अनाथ हो गए हंै। प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाए।
-नीलिमा जैन, उदयपुर
...........................

कोरोना प्रोटोकॉल की पालना जरूरी
कोरोना ने जब से दुनिया को अपनी जद में लिया है, तब से ही हर वैज्ञानिक और डॉक्टर ने एक-दूसरे से दूरी बनाने की ही सलाह दी है। टीका आने के बावजूद भी चेहरे पर मास्क पहनने और आपस में उचित दूरी बनाए रखने की सलाह कोरोना गाइडलाइन में सबसे ऊपर है। मुश्किल यह है कि अनलॉक के बाद लोग फिर लापरवाह हो गए हंै, यह चिंता की बात है। हम कोरोना प्रोटोकॉल को नहीं मानेंगे, तो महामारी से लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। इस महामारी के खात्मे के लिए हमारा जागरूक होना बहुत जरूरी है।
-प्रदीप कुमार दुबे, देवास
........................

कोरोना गाइडलाइन का पालन करें
आजकल लोग बाजारों, सार्वजनिक जगहों, पर्यटन स्थलों की ओर ऐसे कूच करने लगे हैं, जैसे वे कई महीनों से घरों की जेलों मे बंद हों। सभी चेतावनियों, सावधानियों और सतर्कता बरतने की अपीलों को नजरअंदाज करते हुए लोग कोरोना संक्रमण को एक बार फिर निमंत्रण देते से प्रतीत हो रहे हैं। बेहतर तो यह है कि हम सभी लोग कुछ दिन और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें, तो संभावित 'तीसरी लहर के कहर' से बच सकते हैं।
-नरेश कानूनगो, बेंगलूरू, कर्नाटक.
......................

जरूरी है सावधानी
सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी और वही हो रहा है। कोरोना के मामले बेशक घटने लगे हैं , परंतु बाजारों की भीड़ कोरोना की कड़ी को मजबूत कर रही है। यह सब जानते हुए भी लोग लापरवाही बरत रहे हंै और तीसरी लहर ज्यादा घातक होने की आशंका को प्रबल कर रहे हैं। बाजारों में कोविड नियमावली की धज्जियां उड़ रही है। ऐसी लापरवाही कहीं हमारी जीत को हार में न बदल दे। इसलिए पहली और दूसरी लहर की सीख को याद रखते हुए सावधानीपूर्वक आगे बढऩा चाहिए।
-प्रियंका महेश्वरी, जोधपुर
........................

लापरवाही न बरतें
कोरोना की तीसरी लहर पूरी दुनिया में नजर आ रही है, जिसके कारण कई देशों में अब लॉकडाउन लगा हुआ है। हमारे देश मे छूट मिलने पर पर्यटक स्थलों पर भारी भीड़ जमा हो रही है। कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी की जा रही है। हमें अब पूरी सावधानी और सजगता के साथ कोरोना के खिलाफ जंग को लडऩा है। लापरवाही करके हारना नहीं है, कोरोना को हारना है ।
-नेहा बिश्नोई, हनुमानगढ़ जंक्शन
.....................

टीका लगाने के बाद लापरवाही
कोरोना काल के दौरान कोविड गाइडलाइन की खुली धज्जियां उड़ाई गईं, जिसका दुष्परिणाम यह रहा कि देश में कोरोना ने कहर बरपा दिया। अब फिर लोग लापरवाह हो रहे हैं। टीके लगने के बाद लोग आश्वस्त हो गए कि अब हम कोरोना से संक्रमित नहीं होंगे। यह प्रवृत्ति गलत है। कोरोना से सावधान रहना होगा।
- राजेन्द्र बांगड़ा, जायल
...................................

सरकार भी निभाए जिम्मेदारी
सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। सब कुछ जनता पर छोडऩा ठीक नहीं है। कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए। दूसरे देशों से सबक लेकर तैयारी की जानी चाहिए।
-नटेश्वर कमलेश, चांदामेटा, मध्यप्रदेश
.................................

भीड़ से बचना जरूरी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने साफ शब्दों में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आना निश्चित है। इन परिस्थितियों में आम जन को भीड़ वाले स्थानों जैसे - पर्यटन स्थलों, सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों से बचना चाहिए।
-विनायक गोयल, रतलाम, मध्यप्रदेश
.......................

नियम-कानूनों की पालना नहीं
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद लोगों की लापरवाही का मुख्य कारण शासन प्रशासन की लापरवाही रही है। कोरोना की रोकथाम के लिए नियम-कानून तो बनाए जाते हैं, परंतु उनका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं होता। बाजारों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कोविड अनुशासन की अनुपालना कराना जरूरी है। सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या में लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
-संदीप सोनकर, इटारसी, मप्र
........................................

तीसरी लहर को आमंत्रण
देश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई, तो इस बार हालात भयावह होंगे। पहली और दूसरी लहर ने कितना कहर बरपाया हैं, यह स्मरण करके दिल कांप उठता है। जिस प्रकार से जनता लापरवाह हो रही है, उससे तो लगता है कि तीसरी लहर आना निश्चित है।
-महेश सक्सेना, भोपाल, म.प्र.
....................................

बंदिशों से लोग परेशान
कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की बंदिशों से लोग परेशान हो चुके हैं। कोरोना के कारण मानव खुद को जंजीरों में जकड़ा हुआ महसूस कर रहा है। इसीलिए जब भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती है, लोग पुराने ढर्रे पर चलने को आतुर हो जाते हैं। लोगों को समझना चाहिए कि जब तक कोरोना का पूर्णत: खात्मा नहीं हो जाता, तब तक लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
-शुभम वैष्णव ,सवाई माधोपुर, राजस्थान
..............................

लापरवाही पड़ न जाए भारी
हर तरफ से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसलिए सतर्क रहें। आज हम देख रहे हैं कि बाजारों में भीड़ हो रही है, पर्यटन स्थलों पर भीड़ व लापरवाही के समाचार पढऩे व देखने को मिल रहे हैं। दूसरी लहर की भयावह तस्वीरें हमारे सामने हैं। इसके बावजूद हम कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं और लापरवाह होते जा रहे हैं। यह चिंताजनक स्थिति है।
-साजिद अली, चंदन नगर, इंदौर
........................

वैक्सीन भी है कारण
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इनमें अधिकांश लोग वे हैं जो वैक्सीनेटेड हो चुके। कोरोना संक्रमित हो चुके लोग भी लापरवाह हो रहे हैं। उनको लगता है कि वे पुन: संक्रमित नहीं होंगे। कुछ लोग लॉकडाउन में तनाव, अवसाद ,अकेलेपन और उदासी भरे माहौल से निकलना चाहते हैं। इसलिए भी सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ बढ़ी है।
-सिद्धार्थ शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
..........................

जरूरी है सावधानी
लापरवाही की एक वजह तो रोजगार है। मानव स्वभाव की वजह से लोग अपने ही घरों में रहते हुए परेशान हो गए हैं। इसलिए भी लोग बाहर निकल रहे हैं, लेकिन सावधानी तो बरती जा सकती है।
-डॉ. प्रभु सिंह, झोटवाड़ा, जयपुर