जमा पूंजी : एनआरआई का मकान किराए पर लें तो इस बात का रखें ध्यान

जमा पूंजी : एनआरआई का मकान किराए पर लें तो इस बात का रखें ध्यान

असीम त्रिवेदी, (सीए, ऑडिटिंग एंड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड, कंपनी मामलों के जानकार)

रवींद्र जी अभी-अभी रिटायर हो कर इंदौर आए, बेंगलूरु की सम्पत्ति अभी बिकी नहीं इसलिए इंदौर में एक आलीशान फर्निश्ड बंगला किराए पर ले लिया, जो उन्हीं के एक एनआरआइ मित्र का था। बोले - मकान मालिक का कोई झंझट ही नहीं है, बस एक अकाउंट है जिसमें हर माह किराया जमा कराना है।

मैंने हंसते हुए कहा - भाई, आपका जुगाड़ आपके लिए बहुत जटिलता पैदा करने वाला है, क्योंकि आपने एक बहुत ज्यादा जिम्मेदारी वाला काम अपने कंधों पर ले लिया है। वे मुझे आश्चर्य से देख रहे थे - मैंने कहा अब जाइए और सबसे पहले आयकर के अंतर्गत एक टेक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर लीजिए। आयकर अधिनियम के अनुसार किरायेदार को एनआरआइ मकान मालिक को हर महीने किराया देने से पहले 31.2 प्रतिशत की दर से एनआरआइ मकान मालिक का टीडीएस (स्रोत पर कर की कटौती) जमा करना होगा, वह भी हर महीने की सात तारीख के अंदर-अंदर, साथ ही फॉर्म 15सीए भी अपलोड करना पड़ेगा आयकर विभाग की साइट पर हर माह। त्रैमासिक रिटर्न भी भरना होगा सो अलग।

क्या होगा मैं अगर टीडीएस ही न काटूं तो? - रवींद्रजी ने पूछा। मैंने कहा - भाई, जितना टीडीएस नहीं जाता उसके बराबर का दंड तुम से वसूला जाएगा। वैसे किराया कितना है? मैंने जिज्ञासावश पूछा। रवींद्रजी बोले - 50 हजार प्रति माह। मैंने कहा - अब आपको एक सीए से प्रमाणपत्र भी बनवाना होगा क्योंकि सालभर का किराया 5 लाख से ज्यादा है। उस प्रमाण पत्र में ये लिखा होगा कि आपने सारा टीडीएस काट कर जमा किया है। इस पर रवींद्रजी तपाक से बोले - एक काम करता हूं कि किराया एनआरआइ मित्र के किसी रिश्तेदार को दे देता हूं, सारा का सारा झंझट ही खत्म। मैंने कहा - भाई साहब, एग्रीमेंट एनआरआइ से हुआ है तो किराया उसी को देना होगा, दूसरे को कैसे देंगे, जिसे देंगे वह अपनी आय में क्या दिखाएगा? रवींद्रजी निरुत्तर थे। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी एनआरआइ से कोई भी सौदा करने से पहले कानूनी जटिलता के बारे में सोचें, एक मकान किराए पर लेने जैसा साधारण सौदा कितना जटिल हो सकता है आप क ो अंदाजा हो गया होगा।