अंतरिक्ष में समानता शुरू होती है पृथ्वी पर समानता से

अंतरिक्ष में समानता शुरू होती है पृथ्वी पर समानता से

चंदा प्रेस्कॉड-वाइनस्टाइन, (सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी, द वाशिगंटन पोस्ट)

'कल्पना कीजिए एक ऐसे संसार की, जहां सभी आयु, स्थान, जेंडर व जाति के लोगों की अंतरिक्ष पर पहुंच एक समान हो।' रविवार को पृथ्वी की सतह से अंतरिक्ष में 50 मील की यात्रा पूरी करने के बाद इंग्लैंड के अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन ने अंतरिक्ष की सैर का चैरिटी निमंत्रण विभिन्न वर्गों के उन संभावित चुनिंदा लोगों को दिया, जो अगली उड़ानों में पृथ्वी के वायुमंडल से सटे अंतरिक्ष की सैर कर सकेंगे। तुरंत ही सोशल मीडिया पर लोगों ने रिचर्ड से इस चैरिटी का रुख पृथ्वी की ओर करने की मांग की।

परन्तु परोपकार असमानता का हल नहीं है। मूलभूत मानवीय आवश्यकताओं और ब्रह्मांड की रोमांचक सैर का परस्पर कोई मुकाबला नहीं है। हम जमीन पर रहकर भी घुप अंधेरी रात के आकाश तक एकसमान पहुंच तब तक सुनिश्चित नहीं कर सकते जब तक कि हम संसाधनों के वितरण की समूची व्यवस्था को नहीं बदल देते। शुरुआत ऐसे की जा सकती है कि ब्रैनसन जैसे अरबपति ज्यादा कर भुगतान करें ताकि हम लोग यह तय कर सकें कि हमें कहां निवेश करना है। प्रत्येक की मूलभूत आवश्कताओं की आपूर्ति करना शुरुआत है, अंत नहीं।

पृथ्वी पर न्यायसंगत समाज का निर्माण करना अंतरिक्ष में न्यायसंगत भविष्य गढऩे का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। हबल स्पेस टेलीस्कोप से खगोल शास्त्र के कई प्रमुख सवालों के जवाब मिले। पृथ्वी पर रह रहे लोग इससे मिलने वाली तस्वीरों से ही अंतरिक्ष की खूबसूरती देख पाते हैं। आसमान को देखना और उसका अध्ययन करना शानोशौकत की बात नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता का मूलभूत अंग है। प्रत्येक समुदाय ने सितारों का अध्ययन किया, अंतरिक्ष को लेकर अवधारणाएं दी, जिनसे ब्रह्मांड विज्ञान का विकास हुआ - इसकी उत्पत्ति की कहानियां ब्रह्मांड की ही नहीं, स्वयं हमारी व्याख्या करती हैं। बदले में, ये तारे जमीन पर रास्ता दिखाने में हमारी मदद करते हैं। हम बढ़ते प्रदूषित वातावरण में ब्रह्मांड को देखने की कोशिश कर रहे हैं। इस क्रम में पृथ्वी की निचली कक्षा कमजोर नियमन वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे से भरती जा रही है। हममें से बहुत से लोग हल्के प्रदूषित शहरी इलाकों में रह रहे हैं। ब्रह्मांड को कौतूहल से देखने के लिए अंतरिक्ष यात्रा की जरूरत नहीं है, परन्तु इसे इस संदर्भ में उचित ठहराया जा सकता है कि पृथ्वी से कई समुदायों को तारों को साफ-साफ देखने तक का मौका नहीं मिलता। इसीलिए कई लोगों ने ब्रैनसन की इस उड़ान चैरिटी पर सुझाव दिया है कि बेहतर होगा यदि वह आवास, चिकित्सा सुविधा और शिक्षा के क्षेत्र में लोगों की समानता के अधिकार को तरजीह दें, बजाय अंतरिक्ष की सैर के अवसरों में बराबरी की बात करने के।

सच तो यह है कि कोई भी बच्चा विस्मयकारी ब्रह्मांड कोतब तक सहजता से अनुभव नहीं कर सकता, जब तक कि वह भूखा है, विषाक्त पेयजल से बीमार है या नस्लीय हिंसा से भयाक्रांत है। मौजूदा हालात में इन आवश्यकताओं को पूरा किए बिना हमारा कार्य संपन्न नहीं हो सकता। अंतरिक्ष के अनुभव और उसके बारे में जिज्ञासा शांत करना भी एक मानवीय जरूरत है। परन्तु भोजन की मूलभूत आवश्यकता और मानव की मूल जिज्ञासा की तुलना नहीं की जा सकती। वित्त वर्ष 2022 के लिए अमरीकी रक्षा विभाग का बजट 752.9 बिलियन डॉलर है। नासा ने इस बजट की 0.4 प्रतिशत राशि के खर्च में परसिवेरेन्स रोवर को मंगल पर भेजा। बात जब लोगों का पेट भरने और अंतरिक्ष की जिज्ञासा शांत करने की हो तो समस्या खर्च वहन करने की नहीं, संसाधनों के असमान वितरण की है। अंतरिक्ष से मानव जिज्ञासा का संबंध हमें प्रेरित करता है कि हम प्रत्येक व्यक्ति की मूलभूत आवश्कताएं पूरी करें। इसमें रात के समय आसमान को निहारने के अधिकार का सम्मान करना शामिल है।